पहेली
22-09-2016
12:05
रात गहराती जाती है उधर
इधर नींद साथ छोड़ जाती है
अनसुलझे प्रश्न, हड़ताली बन,
आँखों की चौखट पर धरना दे बैठते हैं
सुषुप्त मस्तिष्क करती है तब
रात के अंधेरे से सरगोशियाँ ।
22-09-2016
12:05
रात गहराती जाती है उधर
इधर नींद साथ छोड़ जाती है
अनसुलझे प्रश्न, हड़ताली बन,
आँखों की चौखट पर धरना दे बैठते हैं
सुषुप्त मस्तिष्क करती है तब
रात के अंधेरे से सरगोशियाँ ।
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