Tuesday 11 March 2014

पड़ोस के एक परिवार के गृहस्वामी की पांच दिन पहले घटी सड़क दुर्घटना में तत्क्षण मृत्यु से शोकाकुल गृह स्वामिनी की मर्मस्पर्शी याचना "दीदी, अब आप मुझको अपने साथ रखियेगा, अकेला न छोड़ियेगा..." , से आँखें डबडबा गयी.
समाज की विचारधारा ने हम विधवाओं की एक अलग जाति ही बना दी है...एक अदृशय रेखा के इस पार हम है और उस पार वो विचारधारा 

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