Monday 17 October 2011

जुनून

इक अदृश्य सी दीवार के उस पार खड़े हो
हमारे दर्द पे हँस लेते हो
जले पर नमक छिड़क लेते हो
हमारी मुस्कराहट पे मर तो जाते हो
पर हमारी हंसी से जल जाते हो
कभी इस पार आ खड़े हो तो जानो -
गर जो मुस्कराहट के पीछे नम आँखों में गम है
तो दर्द के पीछे दुनियाँ भर से जूझ जाने का जुनूं है .