पड़ोस के एक परिवार के गृहस्वामी की पांच दिन पहले घटी सड़क दुर्घटना में तत्क्षण मृत्यु से शोकाकुल गृह स्वामिनी की मर्मस्पर्शी याचना "दीदी, अब आप मुझको अपने साथ रखियेगा, अकेला न छोड़ियेगा..." , से आँखें डबडबा गयी.
समाज की विचारधारा ने हम विधवाओं की एक अलग जाति ही बना दी है...एक अदृशय रेखा के इस पार हम है और उस पार वो विचारधारा
समाज की विचारधारा ने हम विधवाओं की एक अलग जाति ही बना दी है...एक अदृशय रेखा के इस पार हम है और उस पार वो विचारधारा
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