गिरगिट के रंग
बचपन में देखा करती थी गिरगिट
तब तो बैठा पाती उसे झुरमुटों बीच
गाल फुला पिचका दूर से ही निभाता प्रीत
रंग बदल बदल देखता हमें अपनी आँखें भींच
मानों झुरमुटों का वो बेताज बादशाह
औ' झुरमुट उसका खुशनुमा सैरगाह.
पर-
आज देखा फिर से एक गिरगिट
जाने कहाँ से आ गिरी पत्तों के बीच
क्या गमले के ही हरियाली पे गयी मर मिट?
या निर्जन सा ये एकाकी कोना उसे लाई खींच?
यहाँ तो उसके रंग भी हो गए हैं फीके,बेरंग
जो लोगों ने अपना लिए हैं उसके बदलते रंग .
बचपन में देखा करती थी गिरगिट
तब तो बैठा पाती उसे झुरमुटों बीच
गाल फुला पिचका दूर से ही निभाता प्रीत
रंग बदल बदल देखता हमें अपनी आँखें भींच
मानों झुरमुटों का वो बेताज बादशाह
औ' झुरमुट उसका खुशनुमा सैरगाह.
पर-
आज देखा फिर से एक गिरगिट
जाने कहाँ से आ गिरी पत्तों के बीच
क्या गमले के ही हरियाली पे गयी मर मिट?
या निर्जन सा ये एकाकी कोना उसे लाई खींच?
यहाँ तो उसके रंग भी हो गए हैं फीके,बेरंग
जो लोगों ने अपना लिए हैं उसके बदलते रंग .